बामनिया। चार माह पुरे होने पर भगवान की आज्ञा अनुसार स्थान परिवर्तन करना आवश्यक है और उसी क्रम मे आज आचार्य श्री उमेश मुनि जी महाराज साहब , बुद्ध पुत्र धर्मदास गण नायक प्रवर्तक श्री जिनेंद्र मुनि जी महाराज साहब की आज्ञानुवर्ती पूज्य महासति श्री धैर्य प्रभा जी , पुण्यपुंज शिष्या पूज्य महासति श्री अनुपमशिला जी, पूज्य महासति श्री सारिका जी, पूज्य महासति श्री चतुर्गुणा जी, बामनिया गौरव पूज्य महासति श्री आस्था जी , पूज्य महासति अंजली जी आदि ठाणा का ऐतिहासिक पुण्य अनुपम चातुर्मास 2024, बामनिया को विराम लगाते हुए खवासा की ओर विहार हुआ।
बड़ी संख्या में सकल जैन श्री संघ के श्रावक श्राविकाओं ने आपको नम आंखो से विदा किया। श्री संघ ने साध्वी श्री से चार माह मे कोई भी अविनय असाधना के लिए क्षमा याचना की तो साध्वी मंडल ने भी कोई भी धर्म विरूद्ध कहा या गुरु आज्ञा के विरुद्ध कहां हो करवाया हो तो उसकी क्षमा याचना की।
श्री संघ के अध्यक्ष संदीप जी मांडोत ने प्रवर्तक श्री जिनेंद्र मुनि जी महाराज साहब साध्वी श्री पुण्य शीला जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए बताया कि ये पल , ये *ऐतिहासिक पुण्य अनुपम चातुर्मास 2024, बामनिया* के इतिहास मे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा।
चातुर्मास की उपलब्धियों को बताते हुए बताया की यह चातुर्मास बामनिया वर्द्धमान स्थानकवासी श्री संघ के साथ सकल जैन समाज का अतुलनीय सहयोग व साथ मिला।
*पुण्य अनुपम चातुर्मास में पूर्ण तपस्या*
*मासक्षमण* 12 पूर्ण
*सिद्धितप* 2 पूर्ण
*धर्मचक्र* 1 पूर्ण
*सिद्धितप एकासन* 2 पुर्ण
*आयम्बिल से मासक्षमण* 01 पूर्ण
*परदेशी राजा तप* 2 पूर्ण
*17 उपवास* 01 पूर्ण
*16 उपवास* 01 पूर्ण
*15 उपवास* 01 पूर्ण
*11 उपवास* 03 पुर्ण
*09 उपवास* 13 पुर्ण
*08 उपवास* 19 पुर्ण
*05 उपवास* 02 पूर्ण
*04 उपवास* 02 पूर्ण
*लगभग 65 तेले पूर्ण*
उपवास ,तेले, आयबींल की लड़ी चार माह तक चली।
लगभग 1100 संवर, 5000 प्रतिकमण चार महा मे हुए। ओली जी पर 30 से अधिक तपस्वियों ने भाग लिया।
रोजाना सुबह नवयूवक मण्डल की धार्मिक क्लास हुई, बच्चो व महिलाओं के शिविर का अयोजन हुआ। महिलाओं को थोकड़े की क्लास हुई । नन्ही बालिकाओं व महिलाओं ने गोचरी दया का अयोजन हुआ , सामूहिक एकासन, अयंबिल के कई आयोजन हुए।
कई लोग ने धार्मिक ज्ञान की शिक्षा ग्रहण की।
पूज्य महासति का विदाई समाहरो 3 दिन रोजाना प्रवचन के पश्चात् चला जिसमे लगभग 30 से ज्यादा उद्वोधन व स्तवन हुए।
सकल श्री संघ के सभी पदाधिकारी व तपस्वियों का भी विशेष आभार कि इन्होंने अपना आत्म विकास किया साथ ही श्री संघ व साध्वी श्री का गौरव भी बढ़ाया।
ऐसा ही सहयोग और प्रेम भाव बनाए रखें यही निवेदन हे।
विहार पूर्व सभी साध्वी मंडल ने सभी उपस्थित जन को क्रमशः मंगल पाठ का श्रवण करवाया व इसी के साथ *ऐतिहासिक पुण्य अनुपम चातुर्मास 2024, बामनिया* का इति सिद्धम हुआ।