सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
झाबुआ। जिले में निजी बस चालकों की मनमानी और लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने के कई मामले सामने आते हैं। ताजा मामला, दैनिक भास्कर अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जिले के पुलिस कप्तान के साथ ही घटित हुआ है। जिसमें पुलिस कप्तान के वाहन के आगे चल रहे बस चालक द्वारा लंबे समय तक पुलिस कप्तान के वाहन को साइड नहीं देने पर निजी बस चालक के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई। यह तो हुई पुलिस कप्तान की बात। लेकिन इससे संबंधित घटना जब आम नागरिकों के साथ हो तो क्या उन्हे न्याय मिलेगा।
ऐसा ही एक मामला थांदला की पीड़िता का है जो रक्षाबंधन के दिन से न्याय की गुहार लगाते हुए प्रशासनिक अफसर के ऑफिस के चक्कर काट चुकी है। लेकिन न्याय नहीं मिला है।
जानकारी देते हुए महिला ललिता अहिरवार ने बताया कि वह निजी यात्री बस राज बस सर्विस क्रमांक एमपी 69 p 0131 में 19 अगस्त को थांदला से झाबुआ तक अपने बच्चों के साथ सफर कर रही थी। इस दौरान परिचालक ने अभद्रता करते हुए अधिक बस किराया मांगा। अधिक बस किराए पर जब महिला द्वारा जानकारी ली गई तो परिचालक ने महिलाओं को बच्चों सहित बस से उतर जाने की बात तक कह दी।
इधर महिला ने परिचालक से टिकट की मांग की तो परिचालक ने बिना हस्ताक्षर करें। एक गोलमाल टिकट पकड़ा दिया। जिसकी शिकायत महिला ने परिवहन अधिकारी को 30 अगस्त को की। महिला का आरोप है कि अधिकारी द्वारा मामले पर संज्ञान नहीं लेने के कारण पीड़ित महिला कलेक्टर के पास भी पहुंची।
महिला का आरोप है कि उसकी सुनवाई अब कहीं नहीं हो रही है। वह न्याय के इंतजार में भटक रही है।
सवाल यह है कि पुलिस कप्तान साहब के साथ हुई घटना के बाद लापरवाही पूर्वक वाहन चला रहे वाहन चालक के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हुई। क्या ऐसी ही कार्रवाई महिला के साथ अभद्रता कर रहे वाहन के परिचालक के साथ भी होगी।