सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। इस बात को सिद्ध किया है। थांदला अंचल के छोटे से गांव तलावली की एक 17 वर्षीय बालिका ने। सुबह 4 बजे उठकर मैदान में आना, देर शाम तक मैदान में मेहनत करना। पढ़ाई के साथ साथ घर के कामों में मां का हाथ बटाना।अपने पापा के साथ परंपरागत रूप से खेती-बाड़ी करना। यह सब करने के बाद भी अंचल की इस बेटी ने पूरे जिले का नाम प्रदेश ही नहीं। देशभर में रोशन किया है।
थांदला अंचल के तलावली गांव कि यह बेटी राधिका तुलसीराम मेड़ा है। राधिका थांदला की शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11वी की छात्रा है। राधिका की रुचि शुरू से ही खेल में रही है। राधिका ने अब तक कई प्रादेशिक प्रतियोगिता में भाग लिया।
गत 11 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच सागर में आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में राधिका ने 400 मीटर (रिले) प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले का नाम पूरे देश में रोशन किया है।
आगामी दिनो में राधिका राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपना प्रदर्शन करेगी। यह प्रतियोगिता महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित होगी।
*झाबुआ हिट* से चर्चा करते हुए राधिका ने बताया कि वह 19 दिसंबर को सिवनी में आयोजित ट्रेनिंग कैंप में भाग लेने के लिए निकल चुकी है। आगामी कुछ दिनों तक इस ट्रेनिंग कैंप में राधिका को दौड़ के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राधिका पिछले कई वर्षों से दौड़ प्रतियोगिता में भाग ले रही है। प्रथम बार राधिका का राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में चयन हुआ है। राधिका की इस सफलता का श्रेय वह अपने पिता तुलसीराम मेड़ा को और अन्य गुरुजनों को देते हुए बताती है कि काफी असुविधाओं के बीच राधिका ने अपने इस केरियर की शुरुआत की। शुरुआती दौर में राधिका के पास पहनने के लिए जूते तक नहीं थे। बावजूद उसके, उसने संघर्ष करना नहीं छोड़ा। आज भी राधिका कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में चयनित होकर राधिका ने एक बार फिर यह साबित कर दिया की प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती।