सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। नगर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। विकास कार्यों के नाम पर अब तक कोई कार्य नहीं हुए हैं। पिछली परिषद द्वारा स्वीकृत कार्य भी पूर्ण नहीं हुए हैं। कोई नवीन योजना मूल रूप नहीं ले पाई है। यह आरोप स्वयं नगर परिषद के भाजपा समर्थित पार्षद और समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने लगाया है। उक्त समस्या का मूल कारण स्थाई सीएमओ का नहीं होना बताया गया है। पार्षद और समाजसेवी संस्थाओं ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, नगरी प्रशासन विभाग, कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को भी पत्र लिखकर और ज्ञापन के माध्यम से स्थाई सीएमओ की मांग की है।
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और पार्षद राजू धानक, जीवदया के संयोजक पवन नाहर, स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक अनिल पोरवाल, गोसंरक्षक राधेश्याम रावत, पटलिया समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष और एडवोकेट जवसिंह परमार ने बताया कि सितंबर माह में नवीन परिषद का गठन हो चुका था। तब से लेकर आज दिनांक तक लगभग 7 माह बीत गए है। परिषद द्वारा कोई विकास कार्य नहीं करवाया गया। वही पूर्व परिषद की योजना मूर्त रूप ले पाई है। इसके अलावा नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश के पत्र के अनुसार नवीन पार्षदों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित होना थी। वह भी निरस्त हो चुकी है। नवनिर्वाचित पार्षदों को नगर परिषद में प्रशिक्षण के अभाव में सामान्य दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पार्षदों की कार्यशाला शीघ्र आयोजित की जाए। और थांदला नप में स्थाई सीएमओ की नियुक्ति की जाए।
इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुनील पणदा का कहना है कि स्थाई सीएमओ की नियुक्ति के लिए परिषद प्रयासरत है। पिछले दिनों नगर परिषद चौराहे पर नवीन पुलिया का निर्माण किया गया है। वहीं आगामी दिनों में विभिन्न विकास कार्यों की योजनाएं प्रस्तावित है।