थांदला से सिद्धार्थ कांकरिया
थांदला। विधानसभा चुनाव के पूर्व झाबुआ जिले की राजनीति पूरी तरह से गरमाने लगी है। भाजपा और कांग्रेस समर्थित जनप्रतिनिधियों के आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है।
बुधवार को रतलाम-झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर द्वारा थांदला विधायक वीरसिंह भूरिया को कम पढ़ा लिखा और कम समझदार बताते हुए आरोप लगाया था। गुरुवार को विधायक भूरिया ने पलटवार करते हुए सांसद गुमानसिंह डामोर को भ्रष्टाचारी और जनता का अप्रिय नेता बताया है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सांसद गुमानसिंह डामोर ने एक प्रेस वार्ता में पूछे गए सवाल के बदले विधायक वीरसिंह भूरिया को कम पढ़ा लिखा और कम समझदार बताया था। जिसके बाद थांदला विधानसभा स्तर पर कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में उक्त बयान को लेकर काफी नाराजगी देखी गई। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की।
गुरुवार को विधायक वीरसिंह भूरिया ने पलटवार करते हुए सांसद गुमान सिंह डामोर को भ्रष्टाचारी कहा। उन्होंने कहा कि अगर वह सांसद गुमानसिंह जैसे पढ़े-लिखे जाते तो वह भी भ्रष्टाचारी हो जाते। उन्होंने हाल ही में रतलाम में हुई घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सांसद गुमानसिंह डामोर को नागरिकों के बीच में से भागना पड़ा। उन्होंने शासन से मांग की है कि सांसद गुमानसिंह डामोर के शासकीय सेवा काल की निष्पक्ष जांच की जाए। यदि यह जांच निष्पक्ष होती तो नागरिकों को पता चल जाएगा कि सांसद गुमानसिंह डामोर कितने भ्रष्टाचारी हैं।