सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। तहसील के प्राथमिक विद्यालय खोखर खान्दन में अध्यापक गेंदलाल कुलम्बी का विदाई समारोह आयोजित किया गया। समारोह को परंपरागत रूप देते हुए शिक्षकों ने आदिवासी संस्कृति के प्रतीक ढोल मांदल के साथ विदाई समारोह आयोजित किया।
उल्लेखनीय है कि अध्यापक गेंदालाल की पोस्टिंग 1986 में उक्त स्कूल में हुई थी। अपनी 36 साल की सेवा उन्होंने एक ही गांव में पूरी की। इनकी शिक्षा से प्रेरित होकर गांव के विद्यार्थी वर्तमान में कई शासकीय और निजी विभागों में पदस्थ है। इनमें मुख्यरूप से चिकित्सक, शिक्षक, नर्स, पुलिस, साथ ही उच्च विभागों के अधिकारी के रूप में पदस्थ होकर अपनी सेवाएं दे रहे है। प्राथमिक विद्यालय खोखर खान्दन में 36 वर्ष की सेवा के बाद, शिक्षक गेंदालाल को आदिवासी परंपरागत ढोल मान्दल के साथ विदाई दी गई।
ग्राम पंचायत खोखर खान्दन के ग्रामवासियो ने आदिवासी परंपरागत तरीके से विदाई समोराह रखा।
इस विदाई समारोह में स्कूल के बच्चों का शिक्षक के प्रति लगाव इतना था की नन्हे बच्चे अपने आँसू नहीं रोक पाए।
विदाई समारोह में बंसीलाल चारेल, सुनील खोखर, शम्भु चारेल ने आदिवासी परंपरागत ढोल, मादल बजाया और साथ ही गांव के पटेल सोहनसिंग खोखर ने पगड़ी बांधकर और भूतपूर्व सरपंच तौलिया खोखर ने शॉल ओड़ाकर, मोहनसिंग खोखर ने माला पहनाकर आभार व्यक्त किया।
समारोह में स्कूली बच्चों के साथ, शिक्षक गण, रिश्तेदार, साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामवासी सम्मिलित हुए।