सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। हमेशा एक जैसी स्थिति नहीं हो सकती है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। शासकीय सेवा में स्थानांतरण भी इसी प्रकार की एक सामान्य प्रक्रिया है। शासकीय महाविद्यालय थांदला के स्टाफ में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। महाविद्यालय से तीन प्राध्यापक एवं क्रीडा अधिकारी स्थानांतरित होकर अन्यत्र गए हैं। वहीं दो प्राध्यापक महाविद्यालय परिवार में सम्मिलित हुए हैं। लगभग 15 वर्षों से इतिहास विषय के प्राध्यापक डॉ. बीएल डावर, जो राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संयोजक भी हैं। उनकी नवीन पदस्थापना शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में हुई है। प्रो.एच.डुडवे अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष होने के साथ ही निर्वाचन कार्य में मास्टर ट्रेनर के रूप में छबी बनाई है। वे शासकीय महाविद्यालय अलीराजपुर स्थानांतरित हुए हैं।
महाविद्यालय में पहली बार नियमित क्रीड़ा अधिकारी की नियुक्ति हुई। उन्होंने अल्प समय में ही न केवल महाविद्यालय को बल्कि थांदला, झाबुआ को भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। वह सबसे कम उम्र की महिला अंपायर के रूप में जानी जाती हैं। उनका स्थानांतरण होलकर साइंस कॉलेज इंदौर में हुआ है। तीनों ही प्राध्यापकगण मेहनती, लगनशील एवं कर्मठता की मिसाल रहे हैं।
उनके स्थानांतरण से महाविद्यालय परिवार को निश्चित ही क्षति हुई है। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय बुढार जिला शहडोल से डॉ. छगन वसुनिया अर्थशास्त्र विभाग में स्थानांतरित होकर महाविद्यालय परिवार में शामिल हुए हैं। वे इसी विद्यालय महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साथ ही समाज सेवा से जुड़े हैं।
वहीं प्रो.विजय मावी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय ब्यौहारी शहडोल से स्थानांतरित होकर आए हैं। प्राध्यापक पद पर चयन होने से पूर्व में वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर सेवा दे चुके हैं। इनके आने से समाजशास्त्र विभाग में अतिथि विद्वान प्रो. महेश कुमार तिवारी महाविद्यालय से विदा हुए हैं।महाविद्यालय से स्थानांतरित होकर जाने वाले प्राध्यापकों के लिए प्राचार्य डॉक्टर की अध्यक्षता में विदाई समारोह का आयोजन किया। वही नवागत प्राध्यापकों का स्वागत अभिनंदन समारोह प्रो.एस.एस.मुवेल की अध्यक्षता में किया गया।
इस अवसर पर डॉ मीना मावी, विजय मावड़ा, के.एस.चौहान डॉ.दीपिका जोशी, प्रो.कंचना बारस्कर, प्रो. सी.एस.चौहान, डॉ सुनीता राज सोलंकी, नेहा वर्मा, प्रो. स्वाति नावडे, फतिया खपेड, दलसिंह मोरी, अजय मोरी, रमेश डामोर, विक्रम डामोर, महाविद्यालय के पूर्व छात्र विजय डामोर, मेहमान सिंह भूरिया, रामचंद्र सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से प्रो मनोहर सोलंकी, प्रो.ऋतु सिंह राठौड़ और दिनेश मोरिया ने किया। आभार प्रो.हिमांशु मालवीया ने माना।